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game addiction
बीते दशक में फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। हर इंसान आज फोन पर ही सारे काम करने में सक्षम है, जिस कारण अब फोन हमारी जरूरत और आदत दोनो ही बनता जा रहा है। इस आदत को कोरोना काल ने आकर और भी बढ़ावा दे दिया है। पहले इस आदत के शिकार टीनएजर्स और एडल्ट्स थे, पर अब फोन की आदत ने बच्चों को भी अपना निशाना बना लिया है। शहर में पार्कों की कमी और कोविड से जुड़े डर ने बच्चों को चार दिवारी में कैद कर दिया। इतना ही नहीं कोविड के कारण उनके स्कूल्स भी ऑनलाइन चलने लगे, जिस कारण मजबूरन हर पेरेंट्स ने अपने बच्चे को पढ़ने और क्लास अटेंड करने के लिए फोन दे दिया।